
कमरे में अभी भी हल्की बारिश की गंध थी। मगर इस बार हवा ठंडी नहीं… भारी थी। दम घोंट देने वाली।
निध्यना चुप थी। बहुत चुप।

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निध्यना चुप थी। बहुत चुप।

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