
रैवान ने दोपहर की हल्की धूप में नविष्का को अपनी बाहों में कसकर पकड़ते हुए कहा, “मैं ऑफिस जा रहा हूँ, पर आज तुम्हें नहीं आना चाहिए। तुम कल के बाद बहुत थकी हुई हो।”
नविष्का ने उसकी आँखों में देखते हुए हल्की मुस्कान दी और बोली, “मैं समझ गई। लेकिन आप बिना मुझे देखे ऑफिस कैसे जा सकते हैं?”

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