
रायसेन विला के ड्रॉइंग रूम में सान्वी आराम से सोफ़े पर बैठी थी। उसकी आँखों में वही पुरानी जलन और चालाकी चमक रही थी। सामने टेबल पर wine glass रखा हुआ था। उसने धीरे से घूंट लिया और खुद से बुदबुदाई – “रैवान Rajvardhan… लोग उसे untouchable कहते हैं। But I know… हर आदमी की कोई न कोई weakness होती है। और तुम्हारी weakness बनूँगी मैं।”
सान्वी ने हाथ में पकड़े मोबाइल को पलटा। स्क्रीन पर कई तस्वीरें और reports खुली थीं। उसने अपने एक दोस्त से सारा background collect किया था—रैवान के बिज़नेस, उसके contacts और उसकी personal life तक।

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