
लंदन फ्लैट
सुबह की हल्की धूप खिड़की के शीशों से छनकर कमरे में फैल रही थी। हवा में अब भी रात की गर्माहट बसी थी। सर्वज्ञ अभी ब्लोजॉब चाहता था पर वो निध्यना की हालत देख रुक गया।

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लंदन फ्लैट
सुबह की हल्की धूप खिड़की के शीशों से छनकर कमरे में फैल रही थी। हवा में अब भी रात की गर्माहट बसी थी। सर्वज्ञ अभी ब्लोजॉब चाहता था पर वो निध्यना की हालत देख रुक गया।

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